बवासीर एक ऐसा रोग है। जिसके होने पर रोगी शर्मींदगी महसूस करता है। रोगी पहले तो इस बिमारी को नजरअंदाज करता है और पता लगने पर शर्मिदगी महसूस करते हुए इस बिमारी को छुपाता हैं। छुपाने के चक्कर में अकसर यह बिमारी बढ़ जाती है। बवासीर दो प्रकार की होती हैं खुनी बवासीर और बादी बवासीर। खुनी बवासीर में मल त्यागते समय खुन निकलता हैं। लेकिन बादी बवासीर में मल द्वार के बाहर मस्से हो जाते है। जिसमें खुजली और जलन होती है। बादी बवासीर में रोगी को मल त्यागते समय तो दर्द होता ही है, बल्कि मल त्यागने के बाद भी दर्द होता हैं। रोगी से लिए यह दर्द असहनीय हो जाता है। यहां तक की रोगी को उठने बैठने और चलने फिरने में भी तकलिफ होती हैं। रोगी को सही समय पर बवासीर का इलाज करवाना बेहद ही जरुरी होता है। क्योंकि अगर समय पर बवासीर का इलाज नहीं कराया गया तो तकलीफ बढ़ जाती है। लेकिन कई बार इलाज करवाने के बावजूद भी रोगी की बवासीर ठीक नहीं हो पाती। ऐसा सही इलाज ना मिलने के अभाव की वजह से होता हैं। अगर आप भी लंबे समय से बवासीर का दर्द सहन कर रहे है तो बिना देरी करते हुए डॉ पाल क्लिनिक में आकर हमसे मिलें। हमारे क्लिनिक में रोगी को बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज दिया जाता है। जिसके बाद रोगी की पुरानी से पुरानी बवासीर भी ठीक हो सकती है।